जिसके सिर ऊपर तू स्वामी


जिसके सिर ऊपर तू स्वामी
सो दुःख कैसा पावे
जिसके सिर ऊपर तू स्वामी
सो दुःख कैसा पावे

तेरी शरण च जो कोई आवे
सब दे कष्ट तू आप मिटावे
तेरी शरण च जो कोई आवे
सब दे कष्ट तू आप मिटावे
किरपा सब ते आप बनावे
सदा सुखी वासे हे प्राणि
सत दा नाम जो दिया
जिसके सिर ऊपर तू स्वामी
सो दुःख कैसा पावे
जिसके ऊपर तू स्वामी
सो दुःख कैसा पावे

राजे नू कद मांगन लादे
कद तू किसनु राज थमा दे
तू ही जाने मैया तेरी
कद तू आम टन खास बने
कद तू आम टन खास बने
दुबडी बेरही वी पार लगावे
जे तू सतगुरु चावे
जिसके सिर ऊपर तू स्वामी
सो दुःख कैसा पावे
जिसके सिर ऊपर तू स्वामी
सो दुःख कैसा पावे

वाहेगुरु वाहेगुरु वाहेगुरु
वाहेगुरु वाहेगुरु वाहेगुरु

आओना अपने भागन दा जाना अपना भागन दा
नियत क्यों मारी करनी जड़ खाना अपने भागन दा
तेरी लीला नियारी ए तू असली दुनिया सारी ए
तेरे करके चली जांदी सादी दुनियादारी ए
तू दुःख भंजन तू सुख दाता
तू ही पिता ए तू ही माता
जो वी मिल्या सब सिर्र माथे
किथो दाता किथे लियाता
जो जी तेरा ध्यान जपे जो
दिल टन तेरा नाम जपे जो
जपे जो बाणि हरपाल तेरी
तेनु सुबह ते शाम जपे जो
किसे चीज़ दी वी थोरह नहीं उस नू
शुकर जो तेरा दिया
जिसके सिर ऊपर तू स्वामी
सो दुःख कैसा पावे
जिसके सिर ऊपर तू स्वामी
सो दुःख कैसा पावे

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