General

क्या भगवान भोजन करते हैं

बाबीहा गुणवंती महलु पाइआ अउगणवंती दूरि ॥
अंतरि तेरै हरि वसै गुरमुखि सदा हजूरि ॥

क्या भगवान हमारे द्वारा चढ़ाया गया भोग खाते हैं ? यदि खाते हैं, तो वह वस्तु समाप्त क्यों नहीं हो जाती ? और यदि नहीं खाते हैं, तो भोग लगाने का क्या लाभ ?

एक लड़के ने पाठ के बीच में अपने गुरु से यह प्रश्न किया। गुरु ने तत्काल कोई उत्तर नहीं दिया। वे पूर्ववत् पाठ पढ़ाते रहे।

उस दिन उन्होंने पाठ के अन्त में एक श्लोक पढ़ाया:
पूर्णमदः पूर्णमिदं
पूर्णात् पूर्णमुदच्यते ।
पूर्णस्य पूर्णमादाय
पूर्णमेवावशिष्यते ॥

पाठ पूरा होने के बाद गुरु ने शिष्यों से कहा कि वे पुस्तक देखकर श्लोक कंठस्थ कर लें।
एक घंटे बाद गुरु ने प्रश्न करने वाले शिष्य से पूछा कि उसे श्लोक कंठस्थ हुआ कि नहीं ? उस शिष्य ने पूरा श्लोक शुद्ध-शुद्ध गुरु को सुना दिया।
फिर भी गुरु ने सिर ‘नहीं’ में हिलाया, तो शिष्य ने कहा कि” वे चाहें, तो पुस्तक देख लें; श्लोक बिल्कुल शुद्ध है।”
गुरु ने पुस्तक देखते हुए कहा“ श्लोक तो पुस्तक में ही है, तो तुम्हारे दिमाग में कैसे चला गया? शिष्य कुछ भी उत्तर नहीं दे पाया।
तब गुरु ने कहा “ पुस्तक में जो श्लोक है, वह स्थूल रूप में है। तुमने जब श्लोक पढ़ा, तो वह सूक्ष्म रूप में तुम्हारे दिमाग में प्रवेश कर गया,
उसी सूक्ष्म रूप में वह तुम्हारे मस्तिष्क में रहता है। और जब तुमने इसको पढ़कर कंठस्थ कर लिया, तब भी पुस्तक के स्थूल रूप के श्लोक में कोई कमी नहीं आई।

 

तरकीब

गुर प्रसादि आपन आपु सुझै ॥ तिस की जानहु त्रिसना बुझै ॥
साधसंगि हरि हरि जसु कहत ॥ सरब रोग ते ओहु हरि जनु रहत ॥

एक स्कूल ने अपने युवा छात्रों के लिए एक मज़ेदार यात्रा का आयोजन किया ।
रास्ते में वे सभी एक सुरंग से गुज़रे जिसके नीचे से पहले अक़्सर वो बस ड्राइवर गुज़रता था।

सुरंग के किनारे पर लिखा था पांच मीटर की ऊँचाई।

बस की ऊंचाई भी लगभग पांच मीटर थी , इसलिए ड्राइवर नहीं रुका औऱ दनदनाते हुए बस को लेकर घुस गया ।

लेकिन इस बार बस सुरंग की छत से रगड़ खाकर बीच में ही फंस गई, इससे बच्चे औऱ शिक्षक ज़्यादा भयभीत हो गए।

बस ड्राइवर कहने लगा…. “हर साल मैं बिना किसी समस्या के सुरंग से गुज़रता हूं, लेकिन अब क्या हुआ?

एक आदमी ने जवाब दिया ….सड़क पक्की हो गई है , इसलिए सड़क का स्तर थोड़ा बढ़ गया है।

देखते देखते वहाँ एक भीड़ इक्कठी हो गई..।

एक आदमी ने बस को अपनी कार से बांधने की कोशिश की, लेकिन रस्सी हर बार रगड़ी तो टूट गई, कुछ ने बस खींचने के लिए एक मज़बूत क्रेन लाने का सुझाव दिया और कुछ ने खुदाई और तोड़ने का सुझाव दिया।

इन विभिन्न सुझावों के बीच में एक बच्चा बस से उतरा और बोला “टायरों से थोड़ी हवा निकाल देते हैं तो वह सुरंग की छत से नीचे आना शुरू कर देगी और हम सुरक्षित रूप से यहाँ से गुज़र जाएंगे।

बच्चे की शानदार सलाह से हर कोई चकित था और तुरंत बस के टायर से हवा का दबाव कम कर दिया ।

इस तरह बस सुरंग की छत के स्तर से गुज़र गई और सभी सुरक्षित बाहर आ गए।

हम सभी घमंड, अहंकार, घृणा, स्वार्थ और लालच से अपने लोगो के सामने फूले हुए होते हैं। अगर हम अपने अंदर से इन बातों की हवा निकाल दें तो दुनिया की इस सुरंग से हमारा गुज़रना बेहद आसान हो जाएगा।

रिश्तों को बहुत संभाल कर औऱ सवांरकर रखें…. बाक़ी ज़िंदगी में औऱ कुछ नहीं रखा………!!
अपने अहम् को थोड़ा-सा झुका के चलिए…सब अपने लगेंगे जरा-सा मुस्कुरा के चलिए…!!

जिस दा साहिब डाढा होये


जिस दा साहिब डाढा होये
तिसनु मार न साके कोए

जिस दा साहिब डाढा होये
तिसनु मार न साके कोए

जिस दा साहिब डाढा होये
तिसनु मार न साके कोए

जिस दा साहिब डाढा होये
तिसनु मार न साके कोए

साहिब की सेवक रहे सरणाई 2x
आपे वकशे देह वडवाई 2x

जिस दा साहिब डाढा होये
तिसनु मार न साके कोए

जिस दा साहिब डाढा होये
तिसनु मार न साके कोए

तिस ते ऊपर नहीं होए 2x
कौन डरे दर किसदा होये 2x

जिस दा साहिब डाढा होये
तिसन मार न साके कोए

जिस दा साहिब डाढा होये
तिसनु मार न साके कोए

गुरमत ईशा तू वसह शरीर 2x
शब्द विच लीन फिर लगे न पीर 2x

जिस दा साहिब डाढा होये
तिसनु मार न साके कोए

जिस दा साहिब डाढा होये
तिसनु मार न साके कोए

जिस दा साहिब डाढा होये
तिसनु मार न साके कोए

आवे न जाए न दुःख पाए 2x
नाम राके सहेज समाए 2x

जिस दा साहिब डाढा होये
तिसनु मार न साके कोए

जिस दा साहिब डाढा होये
तिसनु मार न साके कोए

नानक गुरमुख वेखे हदूर 2x
मेरा प्रभ सभ रहय भरपूर2x

जिस दा साहिब डाढा होये
तिसनु मार न साके कोए

जिस दा साहिब डाढा होये
तिसनु मार न साके कोए

जिस दा साहिब डाढा होये
तिसनु मार न साके कोए

जिस दा साहिब डाढा होये
तिसनु मार न साके कोए

जिसके सिर ऊपर तू स्वामी


जिसके सिर ऊपर तू स्वामी
सो दुःख कैसा पावे
जिसके सिर ऊपर तू स्वामी
सो दुःख कैसा पावे

तेरी शरण च जो कोई आवे
सब दे कष्ट तू आप मिटावे
तेरी शरण च जो कोई आवे
सब दे कष्ट तू आप मिटावे
किरपा सब ते आप बनावे
सदा सुखी वासे हे प्राणि
सत दा नाम जो दिया
जिसके सिर ऊपर तू स्वामी
सो दुःख कैसा पावे
जिसके ऊपर तू स्वामी
सो दुःख कैसा पावे

राजे नू कद मांगन लादे
कद तू किसनु राज थमा दे
तू ही जाने मैया तेरी
कद तू आम टन खास बने
कद तू आम टन खास बने
दुबडी बेरही वी पार लगावे
जे तू सतगुरु चावे
जिसके सिर ऊपर तू स्वामी
सो दुःख कैसा पावे
जिसके सिर ऊपर तू स्वामी
सो दुःख कैसा पावे

वाहेगुरु वाहेगुरु वाहेगुरु
वाहेगुरु वाहेगुरु वाहेगुरु

आओना अपने भागन दा जाना अपना भागन दा
नियत क्यों मारी करनी जड़ खाना अपने भागन दा
तेरी लीला नियारी ए तू असली दुनिया सारी ए
तेरे करके चली जांदी सादी दुनियादारी ए
तू दुःख भंजन तू सुख दाता
तू ही पिता ए तू ही माता
जो वी मिल्या सब सिर्र माथे
किथो दाता किथे लियाता
जो जी तेरा ध्यान जपे जो
दिल टन तेरा नाम जपे जो
जपे जो बाणि हरपाल तेरी
तेनु सुबह ते शाम जपे जो
किसे चीज़ दी वी थोरह नहीं उस नू
शुकर जो तेरा दिया
जिसके सिर ऊपर तू स्वामी
सो दुःख कैसा पावे
जिसके सिर ऊपर तू स्वामी
सो दुःख कैसा पावे

ताति वाओ न लगी पारभ्रमह सरणाई

ताति वाओ न लगी पारभ्रमह सरणाई
ताति वाओ न लगी पारभ्रमह सरणाई
चौ गिर्द हमारे राम का चौ गिर्द हमारे राम का
दुःख लगे न भाई
ताति वाओ न लगी पारभ्रमह सरणाई
चौ गिर्द हमारे राम का चौ गिर्द हमारे राम का
दुःख लगे न भाई
ताति वाओ न लगी पारभ्रमह सरणाई
ताति वाओ न लगी पारभ्रमह सरणाई
सतगुरु पूरा भेतेया सतगुरु पूरा भेतेया जिन बनत बनायीं जिन बनत बनायीं
राम नाम औखद दिया
राम नाम औखद दिया
एका लिव लायी
एका लिव लायी
एका लिव लायी
एका लिव लायी
ताति वाओ न लगी पारभ्रमह सरणाई
ताति वाओ न लगी पारभ्रमह सरणाई
रख लिए तीन रखन हार
रख लिए तीन रखन हार
सभ बिआध मिटाई
सभ बिआध मिटाई
कहो नानक किरपा भई कहो नानक किरपा भई
प्रभ भए सहायी
प्रभ भए सहायी
प्रभ भए सहायी
प्रभ भए सहायी
ताति वाओ न लगी पारभ्रमह सरणाई
ताति वाओ न लगी पारभ्रमह सरणाई
चौ गिर्द हमारे राम का चौ गिर्द हमारे राम का
दुःख लगे न भाई दुःख लगे न भाई
ताति वाओ न लगी पारभ्रमह सरणाई
ताति वाओ न लगी पारभ्रमह सरणाई
पारभ्रमह सरणाई पारभ्रमह सरणाई

Google Chrome : Get Rid Of Forcing HTTPS

Steps

1.Go to chrome://net-internals/#hsts. Enter example.com under Delete domain security policies and press the Delete button.

2.Now go to chrome://settings/clearBrowserData, tick the box Cached images and files and press click the button Clear data.

Scroll to Top