Author name: EkAdmin

जाचक मांगे दान देह प्यारेया


जाचक मांगे दान देह प्यारेया 4x
दान देह प्यारेया 6x
जाचक मांगे दान देह प्यारेया 2x
दान देह प्यारेया 4x
जाचक मांगे दान देह प्यारेया 2x
एवन हार दातार
मै नेत्र विच तारिया 3x
जाचक मांगे दान देह प्यारेया 2x
दान देह प्यारेया 6x
जाचक मांगे दान देह प्यारेया 2x
गूथ न जाए मूल अतुल भंडरिया 2x
जाचक मांगे दान देह प्यारेया 2x
दान देह प्यारेया 6x
जाचक मांगे दान देह प्यारेया 2x
नानक शबद अपार
तीन सभ कीच सारेया 3x
जाचक मांगे दान देह प्यारेया 2x
दान देह प्यारेया 6x
जाचक मांगे दान देह प्यारेया 2x
जाचक मांगे दान देह प्यारेया
जाचक मांगे नेतनाम साहिब करे कबूल
नानक परमेश्वर जजमा तिसे भूख न मूल
जाचक मांगे दान देह प्यारेया
जाचक जन जाचे प्रभ दान कर किरपा देवोः हर नाम
जाचक मांगे दान देह प्यारेया
जाचज नाम जाचे जाचे
सर गुन सार सरभ के नायक सुख समूह के दाते
जाचक मांगे दान देह प्यारेया
विन त द मंगना सर दुख ते दुःख
देह नाम संतोखिया उतरे मन की भूख
उर्वंतीं हर आ कितेया नानक क्या मनुख
दान देह प्यारेया 28x
जाचक मांगे दान देह प्यारेया 9x

प्रभु के नाम महिमा

पारब्रहम की जिसु मनि भूख ॥
नानक तिसहि न लागहि दूख ॥

 

एक बार वृन्दावन के मंदिर में एक संत अक्षय तृतीया के दिन “श्री बांके बिहारी” के चरणों का दर्शन कर रहे थे। दर्शन करने के साथ साथ एक भाव भी गुनगुना रहे थे कि=

“श्री बिहारी जी” के चरण कमल में नयन हमारे अटके।
नयन हमारे अटके नयन हमारे अटके।

एक व्यक्ति वहीँ पर खड़ा खड़ा ये भाव सुन रहा था। उसे ये भाव पसंद आया। और इस भाव को गुनगुनाते हुए अपने घर पहुंचा। उसकी आँखे बंद है
“श्री बिहारी” के चरण ह्रदय में है और बड़े भाव से गाये जा रहा है। लेकिन उस व्यक्ति से एक गलती हो गई।
भाव था कि”श्री बिहारी जी” के चरण कमल में नयन हमारे अटके।
लेकिन उसने गुनगुनाया “श्री बिहारी जी” के नयन कमल में “चरण” हमारे अटके।
थोड़ा उल्टा हो गया। लेकिन ये व्यक्ति बड़ा मगन होकर गाने लगा। “श्री बिहारी जी” के नयन कमल में “चरण” हमारे अटके।
अब थोड़ा सोचिये हमारे नयन “श्री बिहारी जी” के चरणों में अटकने चाहिए। हमारा ध्यान “श्री बिहारी जी” के चरणों में होना चाहिए। क्योंकि भगवान के चरण कमल बहुत ही प्यारे हैं।
लेकिन उस व्यक्ति ने इतना मगन होकर गया कि भगवान बांके बिहारी आज सब कुछ भूल गए और “श्री बिहारी जी उसके सामने प्रकट हो गए।
बांके बिहारी ने उससे मंद मंद मुस्कुराते हुए कहा – अरे भईया! मेरे एक से बढ़कर एक बड़ा भक्त है लेकिन तुझ जैसा निराला भक्त मुझे मिलना बड़ा मुश्किल है।
लोगो के नयन तो हमारे चरणों के अटक जाते है पर तुमने तो हमारे ही नयन अपने चरणों में अटका दिये।
वो व्यक्ति समझ ही नहीं पाया कि क्या हो रहा है। आज भगवान ने उसे साक्षात् दर्शन दे दिए।
फिर अपनी भूल का एहसास भी हुआ कि मैंने भगवान के नयनों को अपने चरणों में अटकने के लिए कहा। लेकिन फिर उसे समझ आया कि भगवान तो केवल भाव के भूखें है।
अगर मुझसे कोई गलती होती तो भगवान मुझे दर्शन देने ही नहीं आते। मेरे भाव पे आज भगवान रीझ गए।
ऐसा सोचकर वह भगवान के प्रेम में खूब रोया उसने साक्षात् भगवान को और भगवान की कृपा को बरसते हुए देखा। धन्य हैं ऐसे भक्त और भगवान।
भगवान के चरणों का बहुत ही महत्व है। आप भगवान के चरणों में मन को लगा दें बस। क्योंकि भगवान के चरण दुखों का हरण कर लेते हैं।
श्री हरी चरण – दुःख हरण।

दरसन देख जीवा गुर तेरा


दरसन देख जीवा गुर तेरा 3x
पुरण करम होये प्रभ मेरा 2x
दरसन देख जीवा गुर तेरा 2x

एह बेनंती सुन प्रभ मेरे 2x
एह नाम कर अपने चेरे 2x
दरसन देख जीवा गुर तेरा 2x
पुरण करम होये प्रभ मेरा 2x
दरसन देख जीवा गुर तेरा 2x

अपनी सरन राख प्रभ दाते 2x
गुर प्रसाद किने बिरले जाते 2x

दरसन देख जीवा गुर तेरा 2x
पुरण करम होये प्रभ मेरा 2x
दरसन देख जीवा गुर तेरा 2x

सुनो बिनो प्रभ मेरे मीता 2x
चरण कमल बसे मेरे चीता

दरसन देख जीवा गुर तेरा 2x
पुरण करम होये प्रभ मेरा 2x
दरसन देख जीवा गुर तेरा 2x

नानक एक करे अरदास 3x
अरदास अरदास अरदास
नानक एक करे अरदास
बिसर नहीं पुरण गुंतस 2x

दरसन देख जीवा गुर तेरा 2x
पुरण करम होये प्रभ मेरा 2x
दरसन देख जीवा गुर तेरा 3x

जा का मीट साजन है सामिया


जा का मीट साजन है सामिया
तिस जान को कहो का की
जा का मीट साजन है सामिया
तिस जन को कहो का की
जा का मीट साजन है सामिया
तिस जान को कहो का की
जा का मीट साजन है सामिया
तिस जन को कहो का की

जाकी प्रीत गोबिंद सियो लागि 2x
दुःख दर्द भ्रम ताका भागी 2x

जा का मीट साजन है सामिया
तिस जन को कहो का की
जा का मीट साजन है सामिया
तिस जन को कहो का की

जा को रस हर रस है आयो 2x
सो अनरस नहीं लपटायो 2x

जा का मीट साजन है सामिया
तिस जन को कहो का की
जा का मीट साजन है सामिया
तिस जन को कहो का की

जा का प्रहेया दरगह चल्लेह 2x
सो तिस को नदर लेह आवे चल्लेह 2x

जा का मीट साजन है सामिया
तिस जन को कहो का की
जा का मीट साजन है सामिया
तिस जन को कहो का की

जा का सभ कीछ ता का होये 2x
नानक ता को सदा सुख होये 2x

जा का मीट साजन है सामिया
तिस जन को कहो का की
जा का मीट साजन है सामिया
तिस जन को कहो का की

जाकी प्रीत गोबिंद सियो लागि 4x
दुःख दर्द भ्रम ताका भागी 2x

जा का मीट साजन है सामिया
तिस जन को कहो का की
जा का मीट साजन है सामिया
तिस जन को कहो का की

जा का सभ कीछ ता का होये 4x
नानक ता को सदा सुख होये 2x

जा का मीट साजन है सामिया
तिस जन को कहो का की
जा का मीट साजन है सामिया
तिस जन को कहो का की
तिस जन को कहो का की
तिस जन को कहो का की

पुजारी और भगवान

कई कोटि होए पूजारी ॥ कई कोटि आचार बिउहारी ॥
कई कोटि भए तीरथ वासी ॥ कई कोटि बन भ्रमहि उदासी ॥

एक बड़ी नदी के किनारे एक छोटा सा गांव था,इस गांव में हर कोई खुशी से रहते थे और गांव के मंदिर में नियमित प्रार्थना करते थे।

एक बार बारिश के मौसम में खूब बादल बरसे इतने बरसे की नदी का जलस्तर ज्यादा बढ़ गया और गांव में बाढ़ आ गई।

सभी ने अपना घर खाली करना शुरू कर दिया और सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए निकल पड़े। इसी बीच एक आदमी मंदिर में भागा, वह जल्दी से पुजारी के कमरे में गया और उसे बताया कि बाढ़ का पानी हमारे घरों में घुस गया है और यह तेजी से बढ़ रहा है और अब पानी मंदिर में प्रवेश करना शुरू कर दिया है, हमें गांव छोड़ देना चाहिए।

क्योंकि कुछ ही समय में यह मंदिर भी पानी के नीचे डूब जाएगा, सभी को सुरक्षित स्थान पर जाना होगा और आपको साथ आना होगा।

लेकिन पुजारी ने उस आदमी से कहा – जाओ तुम सब यहां से, मैं आप सभी की तरह एक नास्तिक नहीं हूं, और मुझे भगवान पर पूरा भरोसा है। मुझे भगवान पर इतना भरोसा है कि वह मुझे बचाने खुद आएंगे और तब तक मैं मंदिर नहीं छोड़ूंगा! आप जा सकते हैं और इसलिए वह आदमी चला गया। जल्द ही जल स्तर बढ़ना शुरू हो गया। अब पानी कमर तक पहोच गया। पुजारी एक टेबल पर चढ़ कर उसपर खड़ा हो गया।

कुछ मिनट बाद एक नाव वाला आदमी पुजारी को बचाने आया उसने पुजारी से कहा मुझे ग्रामीणों से पता चला कि आप अभी भी मंदिर के अंदर हैं इसलिए मैं आपको बचाने आया हूं, कृपया नाव पर चढ़ जाए।लेकिन पुजारी ने उसे वही कारण बताते हुए फिर से मना कर दिया और उस आदमी को वहा से जाने के लिए बोल दिया। नाविक भी वहां से चला गया।

अब पानी इतना बढ़ गया कि पुजारी को मंदिर की चोटी पर चढ़ना पड़ा। पुजारी भगवान से प्रार्थना करता रहा कि वह उसे जल्द से जल्द बचाए!

थोड़ी ही देर बाद एक हेलीकॉप्टर आया और उन्होंने पुजारी के लिए एक रस्सी की सीढ़ी गिरा दी और उसे चढ़ने और हेलीकॉप्टर के अंदर आने के लिए कहा ताकि वे उसे सुरक्षित स्थान पर ले जा सकें।

लेकिन ढ़ीट पुजारी ने एक बार फिर जाने से इनकार कर दिया,फिर से वही कारण बताते हुए। हेलीकॉप्टर दूसरे लोगों की खोज के लिए चला गया।

जब मंदिर लगभग पानी में डूब गया तब पुजारी ने अपना सिर ऊपर आसमान की ओर घुमाया और शिकायत करना शुरू कर दिया, हे भगवान, मैंने जीवन भर आपकी पूजा की और आप पर अपना विश्वास बनाए रखा, आप क्यों नहीं आए?

अचानक भगवान एक मुस्कान के साथ प्रकट हुए और उन्होंने कहा कि अरे पागल आदमी, मैं तुम्हें बचाने के लिए तीन बार आया था। मैं तुमसे सबसे पहले सुरक्षित जगह पर जाने के लिए कहने के लिए दौड़ते हुए आया था।

मैं एक नाव के साथ आया था और मैं एक हेलीकॉप्टर के साथ भी तुम्हे बचाने आया था। और अब भी तुझे मुझिसे शिकायत है? क्या यह मेरी गलती है अगर तू मुझे नहीं पहचान पाया!

पुजारी को तुरंत अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने माफी मांगी, उसे एक बार फिर सुरक्षित स्थान पर जाने का मौका मिला, जिसे उसने स्वीकार किया।

क्या हम भगवान पर पक्का विश्वास करते हैं? क्या हम भगवान को पहचानते हैं? क्या हम उन संकेतों को पहचानते हैं जो हमारे लिए भेजे जाते हैं?

भगवान हमारे लिए हर समय अवसर भेजता है, जिनसे हम अनजान होते हैं।

कई बार मौके और अवसर हम समझ ही नहीं पाते। अगर आप को जीवन में आगे बढ़ने का एक अवसर भी दिखता हो तो दो बार मत सोचो, जाओ और अपना अवसर पकड़ो और जीवन के उस संकेत को पकड़ो। आपके पास पुजारी की तरह बार बार अवसर नहीं आएगा।

तुम शरणाई आया ठाकुर


तुम शरणाई आया ठाकुर,
तुम शरणाई आया,
तुम शरणाई आया ठाकुर,
तुम शरणाई आया,
उतर गयो मेरे मन का शंसा, 2x
जब से दर्शन पाया ठाकुर
तुम शरणाई आया
तुम शरणाई आया ठाकुर,
तुम शरणाई आया
अनबोलत मेरी बिरथा जानी 4x
अपना नाम जपाया ठाकुर
तुम शरणाई आया
तुम शरणाई आया ठाकुर
तुम शरणाई आया
दुख नाटे सुख सहज समाये 4x
अनंद अनंद गुण गाया ठाकुर
तुम शरणाई आया
तुम शरणाई आया ठाकुर,
तुम शरणाई आया।
बाँह पकर कट लीन्हे 2x
बाँह पकर
बाँह पकर कट लीन्हे 2x
द्वेह अंध कूप ते माया ठाकुर
तुम शरणाई आया
तुम शरणाई आया ठाकुर,
तुम शरणाई आया।
कहु नानक गुर बंधन काटे 4x
बिछुरत आन मिलाया ठाकुर
तुम शरणाई आया
तुम शरणाई आया ठाकुर,
तुम शरणाई आया।
उतर गयो मेरे मन का शंसा, 2x
जब से दर्शन पाया ठाकुर
तुम शरणाई आया
तुम शरणाई आया ठाकुर,
तुम शरणाई आया
उतर गयो मेरे मन का शंसा, 2x
जब से दर्शन पाया ठाकुर
तुम शरणाई आया
तुम शरणाई आया ठाकुर,
तुम शरणाई आया

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