इक ओंकार वाहेगुरु जी की फतेह।
श्री भगौती जी सहाये।
वार श्री भगौती जी की पातशाही दसवीं।
प्रथम भगौती सिमर के।
गुरु नानक लई धिये।
फिर अंगद गुरु ते अमर दास।
रामदासे होए सहाये।
अर्जन हरगोबिंद नु |
अर्जन हरगोबिंद नु ।
सिमरो श्री हरराय ।
श्री हरकृष्ण धियाइये , जिस दिते सब दुख जाए।
तेगबहादर सिमरिए, हर नाओ निध आवे धाए।
सब थाईं होए सहाये, सब थाईं होए सहाये।
दसमे पात्शा श्री गुरु गोबिंद सिंह साहिब जी सब थाईं होए जी सहाये, दासन पात्शाहियां दी जोत श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी दे पाठ, दिदार दा ध्यान धर के बोलो जी वाहेगुरु वाहेगुरु वाहेगुरु।
अरदास करां, अरदास करां , हर स्वास करांमेरे प्रीतमा जिओ।
अरदास करां अरदास करान,,हर स्वास करांमेरे प्रीतमा जिओ।
दाता तू बख्शनहरा, कर सभ दा पर उतारा, मेरे प्रीतमा जिओ।
अरदास करां, अरदास करां हर स्वास करांमेरे प्रीतमा जिओ।
बाणी दा सरूप मिले, तेरा इक नूर मिले, हो जावे दूर अंधियारा।
नाम वाली दात मिले, कीमती सोगत मिले, सफल हो जनम हमारा।
बाणी दा सरूप मिले, तेरा इक नूर मिले, हो जावे दूर अंधियारा।
नाम वाली दात मिले, कीमती सोगत मिले, सफल हो जनम हमारा।
सब छड़ के जगत पसारा, बस मिल जाए तेरा सहारा, मेरे प्रीतमा जिओ।
अरदास करां अरदास करां हर स्वास करान,, मेरे प्रीतमा जिओ।
दुनिया अबाद रहे, दाता तेरी याद रहे, सबना च रहे भाईचारा।
सिरां उत्ते शत रहे, मत अते पत रहे, खालसा सारे जग तो नियारा।
दुनिया अबाद रहे, दाता तेरी याद रहे, सबना च रहे भाईचारा।
सिरां उत्ते शत रहे, मत अते पत रहे, खालसा सारे जग तो नियारा।
गूंजे खालसे दा अम्भरं जयकारा, पीर कौम ते न पैन दोबारा, मेरे प्रीतमा जिओ।
अरदास करान,अरदास करान,हर स्वास करान,मेरे प्रीतमा जिओ।
आपसी ना फट्ट होवे, कौम इक जट्ट होवे, होवे सदा प्यार दा पसारा।
पंथ ना गदारण कोलो, विस्हियां विकारण कोलो, उहड़ पूरी मिले छुटकारा।
आपसी ना फुट्ट होवे, कौम इक जुट्ट होवे, होवे सदा प्यार दा पसारा।
पंथ नू गदारण कोलो, विस्हियां विकारण कोलो, उहड़ पूरी मिले छुटकारा।
आपसी ना फुट्ट होवे, कौम इक जुट्ट होवे, होवे सदा प्यार दा पसारा।
पंथ नू गदारण कोलो, विस्हियां विकारण कोलो, उहड़ पूरी मिले छुटकारा।
सानूं मिल जावे गुरु दा द्वारा, फिर मुक जाए चौरासी वाला सारा, मेरे प्रीतमा जिओ।
अरदास करां अरदास करां हर स्वास करां मेरे प्रीतमा जिओ।
अरदास करां अरदास करां हर स्वास करान, मेरे प्रीतमा जिओ।