देह शिवा बार मोहे हे शुभ कर मन ते कभहु न डरो
न डरो अर सो जब जाए लड़ो निश्चय कर अपनी जीत करो
देह शिवा बार मोहे हे शुभ कर मन ते कभहु न डरो
न डरो अर सो जब जाए लड़ो निश्चय कर अपनी जीत करो
देह शिवा बार मोहे हे शुभ कर मन ते कभहु न डरो
बोले सोनेहाल सत श्रीअकाल
बोले सोनेहाल सत श्रीअकाल
हर सिख हो अपने ही मन को हर सिख हो अपने ही मन को
यह लालच हो गुण तोच लो
देह शिवा बार मोहे हे शुभ कर मन ते कभहु न डरो
बोले सोनेहाल सत श्रीअकाल