चार पत्नियाँ …..

चरन कमल सरनि टेक ॥
ऊच मूच बेअंतु ठाकुरु सरब ऊपरि तुही एक ॥

 

एक आदमी हर रोज सुबह सैर करने पार्क में जाता। कसरत करने के बाद कुछ आराम करने बैठ जाता बेंच पर। हर रोज की यही चर्या थी उसकी। शरीर से काफी तंदुरूस्त लगता था।

दो दोस्त अपनी पत्नीयों के साथ पार्क में टहलने आते। रोज उसको देखते और बातें करते कि कुंवारा है इसलिए दोनों समय आता है। ज्यादा समय भी रहता है। कोई काम धंधा भी नहीं करता होगा । हमको तो काम से फुर्सत ही नहीं मिलती। ऐसे आवारा को यहाँ नही आना चाहिए, उनमे से एक की पत्नी बोली। फिर दूसरी बोली के चलो बात करते हैं उससे। चारों उसके पास गये।

दोनों औरत बोली कि आप कुछ काम वाम भी कर लिया करो जिससे तुम्हारी शादी हो जाये, यहाँ आवारागर्दी में आ जाते हो। हम जैसी शरीफ औरतें इसी वजह से घर से नही निकल पाती। कहती रही कुछ कुछ, दोनों साथी भी अपनी अपनी पत्नी के साथ बोलने लगे।

वो लडका हंसा और बोला कि कौन कहता है मैं काम नहीं करता। सरकारी जोब है शादी शुदा हूं और मेरी चार चार पत्नियाँ हैं । चंचल, कोमल, निर्मल ,शीतल । यहां आता हूँ कसरत करता हूँ ।पत्नी घर का सारा काम कर लेती हैं, मुझे बिल्कुल आजाद कर रखा है घर के कामों से। अब वो चारों अचंभित थे।

अगले दिन दोनों दोस्त फिर आये पर साथ में उनकी पत्नी नहीं थी। लड़के ने पूछा आज भाभी साथ नहीं आई क्या, बोले की हमने उनको घर के काम में लगा दिया है। बोले, भाई घर का काम औरत करें तभी ठीक है, वो साथ आती हैं तो हम कसरत भी नहीं कर पाते हैं। फिर बोले कि आप ने चार चार शादी कर रखी हैं इसलिए आपको काम नहीं करना पड़ता, हमें क्या करना चाहिए। वो लड़का बोला अब चलने का समय हो गया है, कल बात करते हैं इस विषय पर।

अगले दिन लड़का इंतजार करता रहा लेकिन कोई नहीं आया, दिन गुजरते रहे, फिर हफ्ते और महीने, कोई नहीं आया। फिर लड़के ने सोचा क्या हुआ होगा, पता करना चाहिए। लोगों से पूछताछ कर उनके घर का पता लिया। घर जा कर देखा तो चला कि उनके बीच अनबन चल रही है तलाक की अर्जी लगी हुई है।

बात दर असल ये हुई कि घर आने पर उनकी अपनी पत्नियो से आपस में कहा सुनी हो गई। सिर्फ काम को लेकर। वो अकेले गये थे सैर करने, जब वापिस आये तो घर का काम नहीं हुआ मिला और आते ही उनको बोला कि क्या कर रही थी अब तक। कोई काम समय पर नहीं करती। पत्नी बोली काम ज्यादा होता है, कोई नौकरानी रख लो कुछ काम में हाथ बटाने के लिए। पति ने कह दिया कि नौकरानी की क्या जरूरत है एक शादी और कर लेते हैं, तुम दोनों आराम से काम कर लिया करोगी। पार्क वाला लड़का भी चार चार शादी किये हुए है, तो दूसरी शादी में तकलीफ ही क्यों है तुमको। यहीं से लड़ाई झगड़ा शुरु हुआ और बात तलाक तक पहुँच गई।

लड़के ने दोनों का समझोता करवाने की सोची। बहुत कोशिशों के बाद उनको और उनकी फैमिली को एक जगह बुलाया गया बात करनें को। लड़के ने बात करनी शुरु की। लेकिन उसने सिर्फ अपना पक्ष रखा, उसे लगा कि शायद कहीं ना कहीं वो भी जिम्मेदार है उनके इस हालातों का।

लड़के ने कहा कि जब हम पहली बार पार्क में मिले तो इनके सवाल के जवाब में मैने कहा कि मेरी चार पत्नियां हैं, चंचल कोमल निर्मल शीतल। मै अपनी पत्नी से बहुत प्यार करता हूँ। उसके गुण देख कर ही मैने मेरी पत्नी के चार नाम रख दिये। मैने सिर्फ एक शादी की है।

सुबह मै पार्क में ज्यादा समय इसलिए दे पाता हूँ कि रात को जल्दी सो जाते हैं और सुबह जल्दी उठ जाते हैं।जल्दी उठने से हमारे घर का काम आसानी से समय पर हो जाता है। मेरी पत्नी घर पर रहती है जब तक मैं सैर करके घर जाता हूं वो बाकी बचा हुआ थोड़ा काम कर लेती है। मेरे आफिस जाने के बाद वो पार्क जब चाहे घूम आती है जरुरी नहीं होता कि पति पत्नी दोनों साथ ही जायें घूमने, सैर करने।

लड़का अपनी बातें कह कर चल देता है उनको विचार विमर्श करने के लिए।

आप सोच कर बता सकते हो ? कि उनके घरवालो ने क्या फैसला लिया होगा और क्यूं ये हादशा हुआ।

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