आखणा सुनणा नामु अधारु ॥ धंधा छुटकि गइआ वेकारु ॥
जिउ मनमुखि दूजै पति खोई ॥ बिनु नावै मै अवरु न कोई ॥
मिसेज शर्मा के घर किट्टी पार्टी में हाई क्लास घर की औरतें अंग्रेजी में मेल मिलाप करते हुए……
हाय शोना…………
हाय स्वीटहार्ट……….
हे डार्लिंग……व्हाट्स आप……
फाइन बेबी………
ह्ह्ह्ह्हम्म्म्म्म ओह कम ऑन……
उम्मम्मम्मह्ह्ह्ह्हाआ…………
ये सभी पार्टी का आनंद ले ही रही थीं कि मिसेज शर्मा की भतीजी सृष्टि जो बिलकुल सादे कपड़ों में नीचे हॉल में आई।
मिसेज शर्मा ये कौन है नई नौकरानी रखी है क्या ? मिसेज गुप्ता ने सृष्टि की तरफ इशारा करते हुए पूछा।
मिसेज शर्मा ने कहा “नहीं ये मेरी भतीजी है आज ही गाँव से आई है” उन्होंने सृष्टि को अपने पास बुलाया, सृष्टि ने नमस्ते से सबका अभिवादन किया ही था कि सभी खिलखिला कर हँस पड़ीं मिसेज सैनी तो बोल ही पड़ी गाँव से आई है इस से अधिक उम्मीद भी नहीं थी।
सृष्टि बोली :- माफ करना आँटी लेकिन शुक्र है, गाँव वालों से कम से कम आपको इतनी उम्मीद तो है कि वो अपने संस्कार सहेज कर रखते हैं जो उन्हें हर किसी की इज्जत करना सिखाता है और छोटे हों या बड़े हों सभी के मान और प्रतिष्ठा का पूरा ख्याल रखते हैं वरना शहर के शो कॉल्ड हाई क्लास दिखावे से तो मुझे इतनी भी उम्मीद नहीं है कि वो मातृभाषा में किए अभिवादन का प्रतिउत्तर देने के काबिल भी होंगे, आप लोगों का ये बनावटी दिखावापन है और खोखला घमंड है बाकि कुछ नहीं है, इतना कहकर सृष्टि वहाँ से चली गई।
मिसेज शर्मा गरम पड़ गईं और तुनकते हुए बोलीं कि आप सब जानती भी हैं वो यूक्रेन से डॉक्टर की पढ़ाई करके आई है, दो साल कैनेडा के रिसर्च सेंटर में काम किया है और अभी अपने गाँव में अपने खुद के पैसों से हॉस्पिटल खोलने की तैयारी कर रही है ताकि अपने गाँव के गरीबों की सेवा कर सके वैसे कैनेडा में ही उसको अच्छा खासा पैकेज मिल रहा था मगर अपनी मातृभूमि के लिए कुछ करने का जज्बा उसे अपने गाँव तक खींच लाया है।
मिसेज शर्मा की बात सुनने के बाद किट्टी पार्टी के दिखावे वाली रौनक शर्म और ग्लानि के नीचे दबी हुई सी महसूस कर रही थी सभी एक दूसरे से नज़र तक नहीं मिला पा रहीं थीं, चारों तरफ सन्नाटा मानो मातम पसर गया हो।।